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    Saturday 12 November 2016

    Motivational thoughts of Chanakya


    Chanakya Quotes in Hindi:
    ◆प्रबल शत्रु से निर्बल (कमोजर) मित्र खतरनाक होता है।

    ◆अपने हृदय (मन) से बढ़कर विश्वास का पात्र किसी को कदापि नहीं बनाना चाहिए।

    ◆प्रिय से प्रियतम, चाहे वह प्रेमिका या पत्नी ही क्यों न हो? अपना गुप्त रहस्य नहीं प्रदान करना चाहिए।

    ◆जगत् के दुःखों से दुखी मनुष्यों को तीन मुख्य स्थानों पर थोड़ा चैन मिलता है, यह तीन स्थान हैं, संतान, स्त्री और साधु।

    ◆ज्ञानी पुरूष वही होता है जो भोजन की चिंता कदापि नहीं करता। पेट तो कुत्ता भी भर लेता है। महत्वपूर्ण है कर्म करना भोजन कदापि नहीं।

    ◆धरा पर ऐसा कौन है, जिसे धन पाकर घमंड न हुआ हो। ऐसा कौन है, जिसके मन को स्त्रियों ने खण्डित न किया हो? कौन काल के भंवर में जाने से बच सका? कौन दुष्टता से कभी न कभी बचा रह सका हो? कौन ऐसा है जो स्वादिष्ट भोजन देखकर ललचाया न हो? असलियत में हम सभी एक ही हैं जो कि हमाम (स्नानाघर) में नंगे हैं।

    ◆शक्तिहीन साधु बनता है। धनहीन ब्रह्मचारी बनता है। रोगी डॉक्टर या वैद्य भक्त बनता है। बूढ़ी स्त्री सबसे ज्यादा पतिव्रता बनती है। सभी इस जगत् में ढोगी प्रपंची हैं। बलवान साधु नहीं बनता, धनवान ब्रह्मचारी नहीं होता। स्वस्थ पुरूष भगवान का जप नहीं करता और यौवनरूपी, मनसा, वाचा, कर्मणा से शायद ही पतिव्रता होती है। यह सब विवशता का नाटक है।

    ◆मूर्ख या धूर्त शिष्य को उपदेश देना, कर्मशास्त्री का लालन-पालन करने से और दीन-दुखियों से अपना आचरण दान देकर बनाए रखने का मूल कारण एक से एक पंडित तो क्या बुद्धीमानों को भी दुःख उठाना पड़ता है।

    ◆कुत्ता अपनी पूंछ टेढ़ी ही रखेगा, सर्प लहराकर ही चलेगा, गधा दुलाती जरूर मारेगा, चींटी कितना ही हटाओं, पलटकर जरूर आएगी, मक्खी को कितना ही उड़ाओ बैठेगी वहीं पर, कुत्ते को कितना ही रोको वह उतना ही भौंकेगा, जिसकी जो आदत होती है। उससे वह लाचार होता है। मनुष्य अपनी आदतों का गुलाम है।

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    मित्रता / Chanakya Quotes On Friendship:
    ◆प्रत्येक मित्रता स्वार्थ पर आधारित होती है। बिना इसके कोई भी मित्रता नहीं करता। यह एक कटु सत्य है।

    ◆पांच वर्ष तक पुत्र को प्यार दें। दस वर्ष तक कठोर व्यवहार कर पढ़ाएं तथा जब पुत्र सयाना हो जाए, तब उसके साथ मित्रवत् व्यवहार करना चाहिए।

    ◆पीठ पीछे काम बिगाड़ने वाले तथा सामने प्रिये बोलने वाले ऐसे मित्र को मुंह पर दूध रखे विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए।

    ◆मित्रता हमेशा समान स्तर वाले व्यक्ति से ही करनी चाहिए। स्वयं के स्तर से ऊंचे या नीचे स्तर के व्यक्ति से की गई मित्रता दुःखदायी बन सकती है।

    ◆सांप की नेवले से, बिल्ली की कुत्ते से, बकरी की शेर से, हाथी की चींटी से मित्रता नहीं हो सकती। इसी प्रकार दुर्जन की सज्जन से मित्रता नहीं हो सकती। यदि है तो वह केवल दिखावा मात्र है।

    ◆सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र के दुःख में काम और समय आने पर अपना खून भी बहा दे, वरना उससे तो मगरमच्छ अच्छा। कम-से-कम नकली आसूं तो बहा देगा।

    ◆मित्र का प्रभाव अवश्य पड़ता है। अतः जैसा मित्र होगा, वह प्रभाव पड़ेगा। मित्रता में यह बात नहीं भलनी चाहिए। संगति का प्रभाव अवश्य ही पड़ता है।


    परिवार और समाज / Chanakya Quotes On Family and Society:
    ◆परिवार का वह सदस्य ही सच्चा बंधु होता है, जो दुःख-सुख में, दुश्मन का संकट आने पर, तन-मन-धन से सभी प्रकार का सहयोग देता है।

    ◆जो घर विप्रों के पैरों के धूल की कीचड़ से नहीं सनते, जिनमें वेदशास्त्रों की ध्वनि सुनाई नहीं देती तथा यज्ञ की 'स्वाहा', 'स्वधा' आदि ध्वनियों का अभाव रहता है। ऐसे घर श्मशान के समान होते हैं।

    ◆संतान जल के समान होती है। उसको जैसा बनाओगे, वैसी वह बनेगी।

    ◆जिस प्रकार एक वृक्ष में आग लग जाने में सारा जंगल जलकर भस्म हो जाता है। ठीक उसी प्रकार एक ही कुपुत्र से सारा कुल कलंकित हो जाता है।

    ◆एक ही मां के गर्भ से एक ही नक्षत्र में उत्पन्न दो संतान शील-स्वभाव से एक भी नहीं होती। जैसे - बेर और कांटे।


    गुण / Chanakya Quotes On Quality
    ◆गुणों से ही व्यक्ति बड़ा बनता है, न किसी ऊंचे स्थान पर बैठ जाने से। जैसे राजमहल के सिखर पर कौआ बैठ जाने पर वह गरूड़ नहीं बन जाता।

    ◆यदि अन्य व्यक्ति गुणहीन व्यक्ति की भी प्रशंसा करें, तो वह बड़ा हो जाता है। स्वयं अपनी प्रशंसा करने पर इन्द्र भी छोटे हो जाते है।


    महापुरूष / Chanakya Quotes on Legends:
    ◆महापुरूषों का चरित्र भी विचित्र होता है। लक्ष्मी को तो मानते ही तिनके के समान हैं, किन्तु उसके भार से दब जाते हैं।


    भाग्य / Chanakya Quotes on Luck:
    ◆यदि बसंत ऋतु में पेड़ में पत्ते नहीं आते तो इसमें बसन्त का क्या दोष? यदि उल्लू दिन में नहीं देख पाता तो इसमें सूर्य का क्या दोष? चातक के मुख में वर्षा की बूंद नहीं जाती तो इसमें बादल का क्या दोष? विधाता ने जो पहले ही भाग्य में लिख दिया है, उसे कौन मिटा सकता है।



    धर्म / Chanakya Quotes on Religion:
    ◆शरीर अनित्य (नाशवान) है, वैभव आदि भी सत्य नहीं हैं और मृत्यु सदा साथ रहती। इसी कारण सदा धर्म का संग्रह करना चाहिए।


    कर्मफल / Chanakya Quotes on Karma:
    ◆जैसे हजारों गायों में भी बछड़ा अपनी माँ को पहचानकर उसके पास पहुंच जाता है। ठीक उसी प्रकार किया गया कर्म भी मनुष्य को पहचान कर उसके पीछे चलता है।

    ◆मनुष्य को फल उसके कर्मानुसार ही मिलता है और बुद्धी भी कर्म के अधीन है। इसलिए बुद्धीमान व्यक्ति विचार करके ही अपना कार्य किया करते हैं।

    ◆जो मनुष्य प्रत्येक जन्म में जिस प्रकार का दान, तप व अध्ययन करता है। उसी का फल वह हर जन्म में पाता है। मनुष्य का जन्म उसके कर्मों के अनुरूप ही होता है।

    थैंक यू...

    #Abhinav Yadav
    #Navjsrinfo

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